हमारे इर्द-गिर्द लाखों घटनाएँ रोज घटती हैं और अगर हम उनको किसी के साथ न बांटें तो ये हमारे अंदर घुटन पैदा करती हैं ,आज मैनें यह सोचा की क्यों न अपने अंदर पैदा होने बाली इस घुटन को बाहर निकालूं और कुछ लिखूं ताकि आने बाला कल ये जान सके की सच क्या है ................
लगाकर आग खुद वो घर को , आग बुझाने का बहाना करने लगे , लगाकर कारखाने गुलिस्तान में, फूल कागज़ के आँगन में उगाने लगे , बह गए वो घर वो मकान, अब हर सहर ,हर गली वेगाने लगने लगे , पहले खुद ही दिए ज़ख़्म हज़ार हमको , अब उनमें मरहम लगाने लगे , तुम यह न सोचना की हम अकेले रहेंगे , हमारे बाद तो हमारी चिताओं पैर मैले लगेंगे , अगर इतना ही आसान होता किसी को भूल जाना ,तो सब भूल जाते ,फिर हमे भूलने के लिए तो तुम्हें जमाने लगेंगे
लगाकर आग खुद वो घर को , आग बुझाने का बहाना करने लगे , लगाकर कारखाने गुलिस्तान में, फूल कागज़ के आँगन में उगाने लगे , बह गए वो घर वो मकान, अब हर सहर ,हर गली वेगाने लगने लगे , पहले खुद ही दिए ज़ख़्म हज़ार हमको , अब उनमें मरहम लगाने लगे , तुम यह न सोचना की हम अकेले रहेंगे , हमारे बाद तो हमारी चिताओं पैर मैले लगेंगे , अगर इतना ही आसान होता किसी को भूल जाना ,तो सब भूल जाते ,फिर हमे भूलने के लिए तो तुम्हें जमाने लगेंगे
जवाब देंहटाएंA true revolutionary is guided by a strong feeling of love-----------------
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