All Rights are Reserved


मारे इर्द-गिर्द लाखों घटनाएँ रोज घटती हैं और अगर हम उनको किसी के साथ न बांटें तो ये हमारे अंदर घुटन पैदा करती हैं ,आज मैनें यह सोचा की
क्यों न अपने अंदर पैदा होने बाली इस घुटन को
बाहर निकालूं और कुछ लिखूं ताकि आने बाला कल ये जान सके की सच क्या है ................

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

Shayari Hindi II Hindi Shayari II Pradeep Singh Rana


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें