काश हमारी जिन्दगी एक जंगल बुक होती और हम सब जंगली जानबर होते .
भागीरा हमारा सरदार और मोगली ,भालू हमारे दोस्त होते ,
जंगल हमारा घर होता और हमसब रिश्तेदार होते,
मुसीबत आती अगर किसी पर तो सब मिलके लड़ते ,
दर्द होता अगर किसी को तो दर्द सब मिलके बांटते ,काश हम जंगली जानबर होते ,जंगल हमारा घर और सब अपने रिश्तेदार होते ......................
प्रदीप सिंह (एच. पी यू.) .
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